L2 Empuraan एक राजनीतिक थ्रिलर के रूप में खुद को प्रस्तुत करने की कोशिश करती है, लेकिन अंततः यह एकतरफा प्रचार का माध्यम बनकर रह जाती है। यह फिल्म कहानी से अधिक एक पक्षीय नैरेटिव को आगे बढ़ाने में रुचि रखती है, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
फिल्म की शुरुआत गोधरा ट्रेन कांड के चित्रण से होती है, लेकिन इस घटना के असली दोषियों को दिखाने के बजाय, फिल्म का पूरा ध्यान हिंदू संगठनों को खलनायक के रूप में चित्रित करने पर केंद्रित रहता है। इसमें एक किरदार ‘बजरंग’ को पेश किया गया है, जिसका नाम ही एक विशेष धार्मिक संदर्भ को उजागर करने के लिए रखा गया प्रतीत होता है।
फिल्म के नायक लूसीफर को मसीहा के रूप में दर्शाया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से ईसाई प्रतीकों का समावेश किया गया है। इसके विपरीत, हिंदू राजनीतिक नेताओं जैसे कि बजरंग और जतीन राम दास को भ्रष्ट और निर्दयी बताया गया है, जिससे फिल्म का पक्षपाती रुख स्पष्ट होता है।
स्क्रीनप्ले में कई स्थानों पर जबरदस्ती का संदेश डाला गया है। उदाहरण के लिए, लूसीफर को अफ्रीकी देशों में ड्रग माफिया से लोगों को बचाते हुए दिखाया गया है। यह उपकथा कहानी में किसी विशेष योगदान के बिना सिर्फ एक वैश्विक उद्धारकर्ता की छवि बनाने का प्रयास प्रतीत होती है। मुख्य प्रतिपक्षी बजरंग एक भीड़ नेता से राजनेता में परिवर्तित होता है, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि हिंदू नेतृत्व ही बुराई का मूल स्रोत है। इसके अलावा, फिल्म में ज़ायेद नामक मुस्लिम किरदार को न्यायप्रिय दिखाया गया है, जिससे कहानी में एक स्पष्ट वैचारिक अंतर पैदा किया गया है।
तकनीकी दृष्टि से, फिल्म का छायांकन और अभिनय प्रभावशाली है। लेकिन इसकी एकतरफा कहानी दर्शकों के अनुभव को प्रभावित करती है। चरमोत्कर्ष में लूसीफर और ज़ायेद को मिलकर बजरंग का अंत करते हुए दिखाया गया है, जिससे फिल्म की पूर्व निर्धारित विचारधारा स्पष्ट होती है।
पोस्ट-क्रेडिट सीन में ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों को शांति स्थापित करने वाले के रूप में चित्रित किया गया है, जिससे फिल्म की विश्वसनीयता और भी कमजोर हो जाती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि फिल्म का उद्देश्य निष्पक्ष राजनीतिक थ्रिलर प्रस्तुत करना नहीं, बल्कि एक विशेष वैचारिक एजेंडा को आगे बढ़ाना था।
निष्कर्ष: L2 Empuraan एक संतुलित राजनीतिक थ्रिलर बनने के बजाय विभाजनकारी कहानी प्रस्तुत करती है। यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर एकतरफा विचारधारा को प्रचारित करती है, जिससे इसकी प्रमाणिकता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है।
फैसला: यदि आप एक बेहतरीन और निष्पक्ष थ्रिलर की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है। लेकिन यदि आप प्रोपेगेंडा से भरी सिनेमाई प्रस्तुति देखना चाहते हैं, तो L2 Empuraan आपको निराश नहीं करेगी।