बस्तर, 30 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ में वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। वनमंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री श्रीनिवास राव ने वन अधिकारियों को संरक्षित वन्य प्राणियों की तस्करी पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर बस्तर वन मंडल अधिकारी श्री उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में उप वनमंडलाधिकारी बस्तर और करपावण्ड वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री सौरभ रजक की टीम ने करपावण्ड कोलावल मार्ग पर छापेमारी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो एक जीवित पेंगोलिन (छत्तीसगढ़ी में साल खपरी) के साथ तस्करी की फिराक में थे। आरोपियों ने उड़ीसा से छत्तीसगढ़ आकर वन्य प्राणी को बेचने की योजना बनाई थी।
गिरफ्तारी के दौरान चारों आरोपियों से 01 पेंगोलिन, 02 मोटरसाइकिल (हीरो एचएफ ड्यूलक्स और होंडा शाइन एसपी) बरामद की गईं। वन विभाग ने उन्हें करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाकर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 और भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत मामला दर्ज किया और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
इस कार्यवाही में उप वनमंडलाधिकारी श्री देवलाल दुग्गा, श्री योगेश कुमार रात्रे, श्री सूर्यप्रकाश ध्रुव, श्री प्रकाश ठाकुर, श्री देवेन्द्र वर्मा, वनरक्षक श्री जयराज पात्र, सीएफओ श्री श्रीधर स्नेही और वनरक्षक श्री बनसिंह कर्मा सहित अन्य अधिकारियों का सराहनीय योगदान रहा।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पेंगोलिन को सेड्यूल-1 में शामिल किया गया है, जिसके शिकार या व्यापार पर सख्त प्रतिबंध है। वन विभाग ने तस्करी रोकने के लिए जगदलपुर वन वृत्त स्तरीय रेपिड रेस्क्यू टीम (आरआरटी) का गठन किया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सतर्कता से काम कर रही है।