भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं बल्कि एक जुनून है, और अब यह जुनून जशपुर की बेटियों में भी साफ दिखाई दे रहा है। जशपुर की बेटियां न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी जिले का नाम रौशन करने की तैयारी कर रही हैं। जशपुर जिले के इचकेला स्थित प्री मेट्रिक बालिका छात्रावास की तीन बालिकाओं का चयन अम्बिकापुर में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2024-25 के अंतर्गत महिला अंडर-17 क्रिकेट टीम के लिए किया गया है। इन तीन बेटियों— एंजल लकड़ा, झुमुर तिर्की, और वर्षा बाई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तर पर रजत पदक जीता और अब ये राष्ट्रीय महिला क्रिकेट अंडर-17 प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी।
छात्रावास की अधीक्षिका पंडरी बाई ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि उनकी बेटी आकांक्षा रानी को क्रिकेट में रुचि थी और उन्होंने उसे प्रोत्साहित किया, जिससे वह राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची। इसके बाद, उन्होंने अपने छात्रावास की बच्चियों में भी छुपी प्रतिभा को पहचाना और उनके लिए एक बेहतर भविष्य बनाने का संकल्प लिया। अधीक्षिका ने छात्रावास में क्रिकेट अभ्यास पिच का निर्माण करवाया और खेल के लिए जरूरी सामग्रियां उपलब्ध करवाईं। उनकी बेटी और उसके कोच की मदद से बच्चियों की प्रशिक्षण की शुरुआत की, जिसका नतीजा अब नजर आ रहा है।
जशपुर की 13 बेटियां अब सरगुजा संभाग की क्रिकेट टीम में हैं, जिनमें से 11 इचकेला छात्रावास की हैं। तीन बालिकाओं का चयन राष्ट्रीय अंडर-17 क्रिकेट टीम में हुआ है, और एक का चयन बीसीसीआई की अंडर-19 टीम में भी हो गया है।
बीसीसीआई अंडर-19 टीम में वर्षा का चयन:
वर्षा बाई, जो 10वीं कक्षा की छात्रा हैं, ने बताया कि उन्हें निरंतर अधीक्षिका का सहयोग मिलता रहा है, जिसने उन्हें प्रोत्साहन दिया। जब उनके चयन की खबर परिवार को मिली, तो पूरे गाँव में उत्सव का माहौल बन गया और मिठाइयां बांटी गईं। वर्षा ने कहा कि उनका चयन न केवल अंडर-17 महिला टीम में हुआ है, बल्कि उन्हें बीसीसीआई की अंडर-19 टीम में भी शामिल किया गया है।
स्मृति मंधाना की तरह बनना चाहती हैं एंजल:
8वीं कक्षा की छात्रा एंजल लकड़ा ने अपने चयन पर खुशी जताते हुए कहा कि उनका सपना है कि वे स्मृति मंधाना की तरह एक बेहतरीन बल्लेबाज बनें और देश का नाम रोशन करें।
झुमुर का सपना हुआ साकार:
झुमुर लकड़ा, जो 8वीं कक्षा में पढ़ती हैं, ने बताया कि उनका सपना था कि वे राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनें। उनके पिता के निधन के बाद, उनकी माँ ने बहुत मेहनत से उनकी परवरिश की और अब जब झुमुर का चयन अंडर-17 राष्ट्रीय टीम में हुआ है, तो उनका सपना पूरा हो गया है।
छात्रावास अधीक्षिका के मार्गदर्शन से आज ये बच्चियां राष्ट्रीय स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और अपने राज्य का गौरव बढ़ा रही हैं।