छत्तीसगढ़: डायल-112 की 400 बोलेरो गाड़ियां 15 महीने से खड़ी-खड़ी हो रही जर्जर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी सेवा डायल-112 के लिए खरीदी गई 400 बोलेरो गाड़ियों की स्थिति खराब होती जा रही है। 15 महीने से ये गाड़ियां रायपुर के परेड मैदान में खड़ी हैं, जहां धूल की मोटी परत जम चुकी है। गाड़ियों के टायर खराब हो गए हैं, और वायरिंग को चूहों ने काट दिया है।
गाड़ियों की स्थिति और लापरवाही
तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अगस्त 2023 में 40 करोड़ रुपये की लागत से 400 बोलेरो गाड़ियां खरीदी थीं। डायल-112 सेवा वर्तमान में केवल 11 जिलों में संचालित हो रही है, जबकि 22 जिलों के लिए ये गाड़ियां खरीदी गई थीं। परेड मैदान में खड़ी ये गाड़ियां एक बार भी इस्तेमाल नहीं की गईं।
बीजेपी सरकार बनने के बाद टेंडर प्रक्रिया में रुकावट आई। जिस कंपनी को काम सौंपा गया था, उसके खिलाफ शिकायतों के चलते टेंडर रद्द कर दिया गया। अब तक नई टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है, जिससे गाड़ियां बिना उपयोग के खड़ी-खड़ी जर्जर हो रही हैं।
गृह मंत्रालय और विपक्ष की प्रतिक्रिया
गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्वीकार किया कि गाड़ियों की स्थिति पर ध्यान दिया गया है और जल्द ही उन्हें उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई टेंडर प्रक्रिया में लगभग पांच महीने लग सकते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने इस मामले पर बीजेपी सरकार को घेरा। उनका कहना है कि टेंडर रद्द करने और इमरजेंसी सेवा में देरी के कारण अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार जनता की सुरक्षा और सुविधाओं की अनदेखी कर रही है।
जनता के पैसे की बर्बादी
कांग्रेस ने कहा कि जनता के पैसे से खरीदी गई ये गाड़ियां लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैं। इमरजेंसी सेवा डायल-112 के रेस्पॉन्स में गिरावट के कारण प्रदेश में अपराध नियंत्रण कमजोर हो गया है।
सरकारी सिस्टम की इस अनदेखी से जनता को भारी नुकसान हो रहा है, और गाड़ियां खड़ी-खड़ी खराब हो रही हैं। नए टेंडर और मेंटेनेंस की प्रक्रिया पूरी होने तक डायल-112 सेवा को पूरी तरह से प्रभावी बनाने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।