जम्मू-कश्मीर में उद्योग और व्यवसाय के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। कश्मीर के युवाओं को शांति और स्थिरता बनाए रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसी दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में युवाओं का योगदान अहम होगा।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने नेहरू युवा केंद्र संगठन के ‘युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम’ के तहत छत्तीसगढ़ भ्रमण पर आए कश्मीर के 132 युवाओं से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। ये युवा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, कुपवाड़ा, बारामुला, अनंतनाग, पुलवामा और बड़गाम जिलों के स्कूलों और कॉलेजों के छात्र हैं। 26 जनवरी को राजधानी रायपुर पहुंचे ये युवा छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे, जिसमें छत्तीसगढ़ विधानसभा, धमतरी जिले का गंगरेल बांध, एडवेंचर पार्क और यूथ क्लब शामिल हैं।
राज्यपाल ने युवाओं को उनके करियर निर्माण, समाज और देश के प्रति जिम्मेदारियों के बारे में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और कश्मीर दोनों ही प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य हैं। ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं को अपने देश के विभिन्न हिस्सों के बारे में जानने और समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने कश्मीर के युवाओं को उनके पारंपरिक व्यवसायों जैसे ड्राय फ्रूट्स, कालीन निर्माण, टूरिस्ट गाइड और होम स्टे जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
कश्मीर से आईं छात्राओं कुमारी जीनत राही और कुमारी रिफत युसुफ ने छत्तीसगढ़ के अपने अनुभव साझा करते हुए यहां की संस्कृति, खान-पान और मेहमाननवाजी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जीवनशैली और यहां के लोगों का आतिथ्य अद्भुत है। युवाओं ने राज्यपाल से अपने करियर और जम्मू-कश्मीर के विकास से संबंधित सवाल भी पूछे, जिनका समाधान राज्यपाल ने किया।
कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के राज्य संचालक श्री अतुल निकम और उप संचालक श्री आर. के. तिवारी ने ‘युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम’ के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, संयुक्त सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम और नेहरू युवा केंद्र के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।