बालोद, 5 फरवरी। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज श्री रामगोपाल गर्ग के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक बालोद श्री एस.आर. भगत के मार्गदर्शन में साइबर ठगी करने वाले म्यूल बैंक खाताधारकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा संचालित समन्वय पोर्टल से मिली जानकारी के आधार पर थाना बालोद क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में संचालित 10 बैंक खातों में अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ। इन खातों में देशभर से अलग-अलग साइबर ठगी के माध्यम से लगभग ₹3,19,145 की राशि ट्रांसफर की गई थी।
पुलिस जांच में पाया गया कि इन खातों का उपयोग साइबर ठगों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धन को ट्रांसफर और निकासी के लिए किया जाता था। इन खाताधारकों को यह पता था कि उनके खातों में जमा की गई राशि साइबर अपराध से संबंधित है, इसके बावजूद वे संगठित रूप से इस अवैध कार्य में शामिल थे। इस मामले में बीएनएस 2023 की धारा 317(2), 317(4), 318(4), 61(2)(ए), 111 के तहत मामला दर्ज किया गया।
गिरफ्तार आरोपी (बैंक खाताधारक):
- उमेश कुमार निषाद (28), ग्राम हीरापुर, थाना बालोद।
- अभिषेक चौरे (21), ग्राम तरौद, थाना बालोद।
- जितेंद्र कुमार गावडे (24), ग्राम हर्राठेमा, थाना बालोद।
- खिलेन्द्र रायपुरिया (25), जवाहरपारा, वार्ड क्रमांक 11, बालोद।
खाता उपलब्ध कराने वाले ब्रोकर:
- नारायण सोलवंशी उर्फ बबलू (37), संजय नगर, दशहरा तालाब के पास, बालोद।
- उत्कर्ष गुप्ता (38), इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, रायपुरा, रायपुर।
- करण यादव (25), नवापारा, राजिम, रायपुर।
- हिमांशु ईसरानी (26), नवापारा, राजिम, रायपुर।
- अजमल रजा उर्फ बाबर (27), रायपुर रोड, राजिम, गरियाबंद।
कैसे हुआ साइबर ठगी का खुलासा
पुलिस जांच के दौरान बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा के संदिग्ध खाताधारकों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अपने बैंक खाते किराए पर देकर साइबर ठगी की राशि प्राप्त कर रहे थे।
अब तक कुल ₹3,19,145 के अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल चुकी है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और अन्य संदिग्ध म्यूल खातों की जांच जारी है।
पुलिस की अपील
एसडीओपी श्री देवांश सिंह राठौर के नेतृत्व में थाना प्रभारी श्री रविशंकर पाण्डेय, साइबर प्रभारी उप निरीक्षक जोगेंद्र साहू और साइबर सेल टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। बालोद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों को अनजान व्यक्तियों को न दें और ऑनलाइन ठगी के जाल में न फंसें। पुलिस की यह मुहिम साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार जारी रहेगी।