श्रद्धा और आस्था के महापर्व ‘महाकुंभ 2025‘ के शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान कर प्रदेशवासियों एवं समस्त देशवासियों के सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। इस पावन अनुष्ठान में उनके परिजन भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए कहा कि सनातन परंपरा के इस दिव्य आयोजन में सम्मिलित होना एक परम सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि ऐसे पुण्य अवसरों का लाभ लेना न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को भी जाग्रत करता है।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, सनातन परंपराओं और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण है। यह पर्व न केवल आस्था का संगम है, बल्कि भारत की गौरवशाली विरासत को विश्वभर में प्रदर्शित करने का एक माध्यम भी है। इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ में आई विशाल श्रद्धालु भीड़, संत-महात्माओं और विभिन्न अखाड़ों के अनुयायियों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
राज्यपाल ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भी है। यह आयोजन मानवता के उत्थान, समाज में एकता और सनातन संस्कृति के संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने इस अवसर पर समस्त देशवासियों से आग्रह किया कि वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजें और सनातन मूल्यों के प्रचार-प्रसार में योगदान दें।
राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा महाकुंभ 2025 की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस महापर्व की भव्यता, सुरक्षा और सुविधाओं ने इसे विश्वस्तरीय आयोजन बना दिया है। छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश से आए श्रद्धालुओं ने इस दिव्य आयोजन की मुक्त कंठ से सराहना की है।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने महाकुंभ 2025 के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व सनातन संस्कृति की चिरस्थायी परंपरा को सुदृढ़ करने का एक दिव्य अवसर है। उन्होंने प्रदेशवासियों और समस्त देशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य की मंगलकामना की।