छत्तीसगढ़ के पवित्र त्रिवेणी संगम राजिम में आयोजित राजिम कुंभ कल्प 2025 का भव्य शुभारंभ किया गया। इस 15 दिवसीय धार्मिक मेले का उद्घाटन राज्यपाल रमेन डेका ने साधु-संतों के साथ किया। उन्होंने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
राज्यपाल ने कहा कि महानदी, पैरी और सोंढूर के संगम पर स्थित यह पावन स्थल संतों और भक्तों का ऐतिहासिक केंद्र रहा है। राजिम कुंभ कल्प आस्था, एकता और परंपरा के संरक्षण का प्रतीक है। इस वर्ष का आयोजन प्रयागराज महाकुंभ 2025 के समानांतर हो रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
राजिम के प्रमुख धार्मिक स्थल:
राज्यपाल ने राजीव लोचन मंदिर, कुलेश्वर महादेव, रामचंद्र पंचेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव जैसे पौराणिक मंदिरों का उल्लेख किया। उन्होंने पंचकोशी यात्रा के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिसमें पटेश्वर, चंपेश्वर, ब्रह्मनेश्वर, फणीश्वर और कोपेश्वर महादेव के दर्शन किए जाते हैं।
राजिम कुंभ: धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक केंद्र
राज्यपाल डेका ने कहा कि राजिम कुंभ केवल आध्यात्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत का परिचायक है। यह आयोजन धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करता है।
प्रमुख संत और अतिथि:
इस अवसर पर दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद जी महाराज, महंत साध्वी प्रज्ञा भारती जी महाराज, बालयोगी रामबालक दास जी महाराज, धर्मस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, रायपुर आयुक्त महादेव कावरे, पर्यटन मंडल के एमडी विवेक आचार्य, गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल, साधु-संत एवं हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।
राजिम कुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होगा।