छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दूरस्थ गांवों से आए 119 युवाओं के लिए आज का दिन बेहद खास रहा। स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना और नियद नेल्लानार योजना के तहत सिलगेर, पूवर्ती, एलमागुंडा, लखापाल, शालातोंग, साकलेर, छोटेकेडवाल, बगडेगुड़ा और बेदरे जैसे गांवों के युवा पहली बार अपने गांवों से बाहर निकले और राजधानी रायपुर पहुंचे। इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम का दौरा किया।
युवाओं ने विधानसभा परिसर में जाकर दर्शक दीर्घा से सदन की कार्यवाही देखी और इस अनुभव से बेहद उत्साहित नजर आए। इस अवसर पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से भेंट की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने युवाओं से बातचीत करते हुए कहा कि शिक्षा और जागरूकता के जरिए वे अपने गांवों में विकास और शांति ला सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने युवाओं से उनके गांवों की स्थिति के बारे में जानकारी ली और उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पक्की सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, राशन, चिकित्सा और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं जल्द ही वहां उपलब्ध कराएगी। उन्होंने युवाओं को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की और कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को एक विकसित और समृद्ध राज्य बनाया जाएगा।
सरकार माओवाद प्रभावित गांवों में विकास कार्यों को तेज कर रही है। नियद नेल्लानार योजना के तहत गांवों के आर्थिक विकास के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे शासन की योजनाओं को हर जरूरतमंद तक पहुंचाया जा सके।
यह पहली बार था जब इन ग्रामीण युवाओं ने राजधानी रायपुर का दौरा किया और प्रदेश की प्रगति को करीब से देखा। उन्होंने अपने गांवों के विकास में योगदान देने की इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बस्तर अंचल के दूरस्थ इलाकों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचें और वहां के लोग मुख्यधारा से जुड़ें।
राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अब इन गांवों तक पहुंचने लगा है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना और नियद नेल्लानार योजना इस दिशा में एक अहम कदम साबित हो रही हैं। यह पहल न केवल इन गांवों के युवाओं के लिए आशा की किरण लेकर आई है, बल्कि छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की झलक भी देती है।