कोरबा, 22 अप्रैल 2025 — कोरबा जिले के खपराभट्ठा, कांशीनगर क्षेत्र में दो कर्मचारियों को बंधक बनाकर की गई अमानवीय मारपीट और जातिसूचक गालियों के संगीन मामले में सिविल लाइन रामपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पीड़ितों को करंट, प्लास और प्लास्टिक पाइप से प्रताड़ित किया गया था। यह मामला तब सामने आया जब प्रार्थी अभिषेक भांबी, निवासी गुलाबपुरा (राजस्थान) ने थाना गुलाबपुरा में शिकायत दर्ज कराई। चूंकि घटना स्थल छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का था, इसलिए मामला सिविल लाइन थाना कोरबा को स्थानांतरित किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कोरबा श्री सिद्धार्थ तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीतिश ठाकुर और नगर पुलिस अधीक्षक श्री भूषण एक्का के निर्देशन में थाना प्रभारी प्रमोद डनसेना एवं सायबर सेल कोरबा द्वारा विशेष टीम गठित की गई। वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में छोटू लाल गुर्जर, मुकेश शर्मा, देवीलाल, मुकेश गुर्जर उर्फ कालू और एक अपचारी बालक शामिल हैं, जबकि दो आरोपी केशु केसरी और सोहन अब भी फरार हैं।
मामला तब भड़का जब 13 अप्रैल 2025 को आरोपी छोटू लाल को अपने कर्मचारियों विनोद और अभिषेक पर पैसे चोरी का संदेह हुआ। 14 अप्रैल की रात दोनों को कमरे में बंद कर पहले गालियाँ दी गईं, फिर उन्हें करंट, प्लास्टिक पाइप, प्लास और अन्य साधनों से प्रताड़ित किया गया। इस दौरान जातिसूचक शब्दों का भी उपयोग किया गया और पीड़ितों से पैसे भी ऐंठे गए।
पुलिस ने आरोपियों के पास से प्रताड़ना में प्रयुक्त प्लास्टिक पाइप, प्लास, बैटरी और वायर के अलावा ₹20,000 नगद बरामद किए हैं। आरोपियों के विरुद्ध थाना सिविल लाइन कोरबा में अपराध क्रमांक 213/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 127(2), 115(2), 308(2) बीएनएस और एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2) के तहत मामला दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।
इस जघन्य घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौती को रेखांकित किया है, बल्कि मानवाधिकारों के हनन की ओर भी समाज का ध्यान आकर्षित किया है। कोरबा पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय रही है, किंतु फरार आरोपियों की गिरफ्तारी अब भी बाकी है, जिससे पीड़ितों को पूर्ण न्याय मिलने की उम्मीद की जा रही है।