जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले स्थित विश्वविख्यात पर्यटन स्थल पहल्गाम की शांत वादियां मंगलवार को गोलियों की गूंज से दहल उठीं जब इस्लामी आतंकवादियों ने घात लगाकर पर्यटकों पर हमला कर दिया। यह दर्दनाक घटना बाईसारन वैली में हुई, जिसे अक्सर ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहा जाता है। घटना के समय पर्यटक पैदल या घोड़ों के सहारे उस क्षेत्र में जा रहे थे, जहां तक वाहन नहीं पहुंचते। इस हमले में कम से कम 20 लोग घायल हो गए, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पीड़ितों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले लोगों को रोका और फिर उनके धर्म की पहचान पूछी। जो भी हिन्दू निकला, उन पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। एक महिला पर्यटक ने बताया कि उसके पति को सिर में गोली मारी गई, जबकि सात अन्य भी बुरी तरह घायल हो गए।
घटना की खबर मिलते ही सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। बचाव कार्य में चुनौतियां इसलिए भी अधिक थीं क्योंकि यह इलाका दुर्गम है और वहां केवल पैदल या घोड़े से पहुंचा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने घायलों को अपने घोड़ों की सहायता से नीचे लाने में मदद की। कई घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए पहल्गाम अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने 12 पर्यटकों को भर्ती किया और सभी की स्थिति को स्थिर बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है और गृह मंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “जो अपने प्रियजनों को खो चुके हैं, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी कड़े शब्दों में इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस कायराना हमले में शामिल आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैदी से काम कर रही हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।
बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारत सरकार कड़ा बदला लेगी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा की जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह जल्द ही कश्मीर का दौरा कर सकते हैं और मौके का जायजा लेंगे।
इस हमले ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि कश्मीर में आतंक की जड़ें अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं और पर्यटकों को निशाना बनाकर देश की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।