रायपुर, 22 अप्रैल 2025 — जेईई मेंस 2025 के हाल ही में घोषित परिणामों में छत्तीसगढ़ के प्रयास आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए प्रदेश को गौरवान्वित किया है। इस वर्ष परीक्षा में बैठे कुल 371 छात्रों में से 122 छात्रों ने जेईई मेंस परीक्षा क्वालीफाई कर ली है। यह सफलता न केवल विद्यार्थियों के परिवारों बल्कि पूरे गांव और समाज में उल्लास का वातावरण लेकर आई है।
मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत संचालित प्रयास विद्यालयों का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उन्हें राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है, जिससे वे उच्च शिक्षा संस्थानों जैसे आईआईटी, एनआईटी और एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश पा सकें। वर्तमान में राज्य में कुल 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं और आगामी सत्र 2025-26 में राजनांदगांव व बलरामपुर में दो नए विद्यालय आरंभ किए जाएंगे, जिससे इनकी संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी।
अब तक प्रयास विद्यालयों से 122 विद्यार्थी आईआईटी व समकक्ष संस्थानों में, 356 विद्यार्थी एनआईटी व समकक्ष में, 960 अन्य तकनीकी संस्थानों में और 70 विद्यार्थी एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में चयनित हो चुके हैं। इस वर्ष विशेष रूप से प्रयास बालक आवासीय विद्यालय, रायपुर ने सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जहां 153 विद्यार्थियों में से 69 ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है, जो लगभग 45 प्रतिशत सफलता दर को दर्शाता है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय स्तर पर कठिन माने जाने वाली इस परीक्षा के लिए अत्यंत सराहनीय है।
इसी प्रकार प्रयास अंबिकापुर से 44 में से 16, दुर्ग से 46 में से 12, कांकेर से 23 में से 8, जशपुर से 38 में से 9 और कोरबा से 30 में से 1 छात्र ने सफलता प्राप्त की है। वहीं, जगदलपुर के 37 छात्रों में से 7 विद्यार्थियों ने जेईई मेंस क्वालीफाई कर यह सिद्ध कर दिया है कि सुदूर आदिवासी एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के छात्र भी किसी से कम नहीं हैं।
प्रदेश के इन होनहार विद्यार्थियों की सफलता पर विभागीय मंत्री श्री रामविचार नेताम, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने सभी सफल छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। यह सफलता राज्य सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और प्रयास विद्यालयों की उत्कृष्ट कार्यप्रणाली का प्रतिफल है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।