छत्तीसगढ़ की राजधानी में एक युवक अपने भाई सिद्धार्थ ढोल की मौत को लेकर न्याय की गुहार लगाते हुए मंत्रियों के बंगलों के चक्कर काट रहा है। युवक का कहना है कि उसके भाई की मौत दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है। इस घटना का मुख्य आरोपी मृतक के दोस्त हैं, जिन पर हत्या का शक है।
मामला 13 अगस्त 2022 का है, जब सिद्धार्थ ढोल की लाश उरला कुरूद डीह डेम नाले में मिली थी। अब दो साल बाद इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर CSP और जिला चिकित्सा अधिकारी ने सवाल उठाए हैं। परिजनों ने जांच के विभिन्न पहलुओं को जोड़कर इस मामले में थाना प्रभारी मनीष शर्मा और पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर अंकिता कामड़े पर साजिश का आरोप लगाया है।
मृतक के भाई शम्भूनाथ का कहना है कि उसके भाई की मौत को हत्या की साजिश के तहत छुपाने की कोशिश की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने सीसीटीवी फुटेज निकालने की मांग पर धमकी दी कि उसे जेल में डाल दिया जाएगा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को गलत ढंग से पेश किया गया, जिससे पूरी घटना को दबाने का प्रयास हुआ।
सिद्धार्थ के भाई द्वारा मंत्री बंगलों में न्याय की गुहार लगाने से मामले ने जोर पकड़ लिया है, और पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे हैं। परिजनों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा की मांग की है।