बस्तर विकासखण्ड के छोटे से गांव भरनी के 24 वर्षीय युवा सुजीत प्रजापति ने मछलीपालन के व्यवसाय से लाखों की आमदनी की है। विद्युत लाईनमेन के पुत्र सुजीत ने मैकेनिकल पाॅलिटेक्निक की पढ़ाई के बाद बीबीए करते हुए मछलीपालन की नई तकनीक बायोफ्लॉक में रुचि दिखाई। सात वर्ष पूर्व उन्होंने तीन बायोफ्लॉक टैंकों के साथ व्यवसाय की शुरुआत की। इस दौरान पहले वर्ष उन्हें नुकसान हुआ, लेकिन दूसरे वर्ष अनुभव से लाभ मिलने लगा।
सुजीत के उत्साह को देखकर मत्स्यपालन विभाग ने सहयोग किया, जिससे उन्होंने सात बायोफ्लॉक टैंकों में मछलीपालन शुरू किया। विभाग द्वारा 40 फीसदी अनुदान से लागत कम हुई और कुल लागत लगभग साढ़े चार लाख रुपए रही। सुजीत ने बताया कि पिछले वर्ष 40 हजार रुपए के मछली बीज से उन्होंने नौ लाख रुपए से अधिक का मुनाफा कमाया। उनके अनुभवों से प्रेरित होकर अन्य किसान भी मछलीपालन करने लगे हैं। अब सुजीत मछली चारा उत्पादन भी कर रहे हैं ताकि स्थानीय किसान बाहरी क्षेत्रों पर निर्भर न रहें। सुजीत ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई और मत्स्यपालन विभाग को दिया।