बिलाईगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत मुड़पार में आयोजित राम राम बड़े भजन मेला में छत्तीसगढ़ के प्रभारी एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने शामिल होकर जैतखाम में पूजा अर्चना की और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस ऐतिहासिक मेले का यह 112वां आयोजन था, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मेला परिसर में बने अस्थायी मंच पर रामनामी समाज और कार्यकर्ताओं ने मंत्री टंकराम वर्मा का स्वागत किया। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “जब हमारे रामनामी समाज को मंदिर में प्रवेश से वंचित किया गया, तब इन भक्तों ने अपने शरीर पर ‘राम-राम’ लिखकर स्वयं को ही मंदिर बना लिया। यह परंपरा आज भी छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है।”
पूर्व विधायक गौरीशंकर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की व्यस्तता का उल्लेख करते हुए कहा कि वे स्वयं मेले में नहीं आ सके, लेकिन उनके प्रतिनिधि के रूप में मंत्री टंकराम वर्मा ने सहभागिता की। उन्होंने रामनामी समाज की भक्ति और समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, “राम छत्तीसगढ़ के भांजा हैं, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ‘रामलला फ्री दर्शन योजना’ इसी भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है।”
कार्यक्रम में पूर्व विधायक सनम जांगड़े, ज्योति पटेल, सुभाष जालान, दिनेश जांगड़े, शिवकुमारी चौहान, और बेदराम जांगड़े सहित लगभग 300 गणमान्य अतिथि शामिल हुए। मेला परिसर में 10,000 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
रामनामी समाज के वरिष्ठ सदस्य रामकौशल रामनामी ने मेले की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह आयोजन 200 वर्षों से जारी है और इस वर्ष इसका 112वां संस्करण मनाया गया। उन्होंने अपनी पांचवीं पीढ़ी होने पर गर्व व्यक्त किया।
इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और रामनामी समाज की अनूठी परंपरा को फिर से जीवंत कर दिया। श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन और धार्मिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।