संस्कृत, प्राचीन इंडो-आर्यन भाषा, को लंबे समय से विश्व की सबसे पुरानी संरचित भाषा माना जाता है। ऐतिहासिक, पुरातात्विक और साहित्यिक प्रमाणों के आधार पर संस्कृत को वह स्थान प्राप्त है, जो इसे अन्य सभी ज्ञात भाषाओं से प्राचीन बनाता है।
ऋग्वेद: संस्कृत का सबसे पुराना साहित्यिक प्रमाण
संस्कृत का सबसे पुराना ज्ञात ग्रंथ ऋग्वेद है, जिसकी रचना लगभग 1500 ईसा पूर्व या उससे पहले की मानी जाती है। कई विद्वानों, जैसे मैक्स मूलर, का मत है कि वेदों की रचना मौखिक रूप से इससे भी पहले हुई थी और बाद में उन्हें लिपिबद्ध किया गया। वैदिक संस्कृत में लिखित ऋग्वेद हिंदू दर्शन, अनुष्ठानों और भाषाविज्ञान की आधारशिला है।
पाणिनि की अष्टाध्यायी: विश्व की प्रथम व्यवस्थित व्याकरण पुस्तक
संस्कृत की प्राचीनता का सबसे बड़ा प्रमाण पाणिनि (500 ईसा पूर्व) द्वारा रचित अष्टाध्यायी है, जो विश्व की सबसे पुरानी संरचित व्याकरण पुस्तक मानी जाती है। इसमें 4,000 से अधिक व्याकरणिक नियम दिए गए हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि संस्कृत पहले से ही एक सुव्यवस्थित भाषा थी।
संस्कृत के पुरातात्विक और अभिलेखीय प्रमाण
संस्कृत में लिखित सबसे पुराने शिलालेख दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं, जो सम्राट अशोक के ब्राह्मी लिपि में लिखित स्तंभ अभिलेखों में पाए गए हैं।
- अयोध्या अभिलेख (दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व)
- रुद्रदामन प्रथम का जूनागढ़ शिला लेख (150 ईस्वी)
संस्कृत का उल्लेख बौद्ध और जैन ग्रंथों में भी मिलता है, जो इसके प्राचीनता को सिद्ध करता है।
अन्य प्राचीन भाषाओं की तुलना
- सुमेरियन (3100 ईसा पूर्व – 2000 ईसा पूर्व): यह सबसे पुरानी लिखित भाषा मानी जाती है, लेकिन 2000 ईसा पूर्व में विलुप्त हो गई।
- मिस्री (3200 ईसा पूर्व): मिस्री भाषा हाइरोग्लिफ़िक्स लिपि में लिखी जाती थी, जो बाद में कॉप्टिक भाषा में विकसित हो गई।
- तमिल (500 ईसा पूर्व के प्राचीनतम शिलालेख): हालांकि तमिल एक पुरानी भाषा है, लेकिन इसके सबसे पुराने प्रमाण संस्कृत से लगभग 1000 वर्ष बाद के हैं।
- यूनानी (1500 ईसा पूर्व के सबसे पुराने लिखित रूप): माइसीनियन ग्रीक संस्कृत के समकालीन था, लेकिन व्यवस्थित व्याकरण संस्कृत से बहुत बाद में विकसित हुआ।
संस्कृत का भाषाई प्रभाव
संस्कृत हिंदी, बंगाली, मराठी जैसी आधुनिक भाषाओं की मूल भाषा मानी जाती है। विलियम जोन्स (1786) जैसे भाषाविदों ने संस्कृत की समानता यूरोपीय भाषाओं से पहचानी, जिससे इंडो-यूरोपीय अध्ययन की नींव पड़ी।
निष्कर्ष
साहित्यिक, व्याकरणिक और पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर संस्कृत को मानव इतिहास की सबसे पुरानी संरचित भाषा कहा जा सकता है। अन्य भाषाएँ आज भी बोली जाती हैं, लेकिन 1500 ईसा पूर्व से प्रमाणित संस्कृत का अस्तित्व इसे विश्व की सबसे प्राचीन और समृद्ध भाषा बनाता है।