तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारत के निजी हज कोटे की अचानक हुई कटौती पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि इस मुद्दे को सऊदी अरब के अधिकारियों के समक्ष तत्काल उठाया जाए और हजारों भारतीय मुस्लिम हज यात्रियों को राहत दिलाई जाए। मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया कि इस अचानक फैसले ने हजारों तमिल मुस्लिम हज यात्रियों को गहरी परेशानी में डाल दिया है, जो इस साल हज यात्रा की पूरी तैयारी कर चुके थे।
सीएम स्टालिन ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि सऊदी अरब सरकार ने भारत के कुल हज कोटे में से लगभग 52,000 सीटें, जो निजी हज टूर ऑपरेटरों के लिए आरक्षित थीं, अचानक रद्द कर दी हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश यात्रियों ने पहले ही भुगतान कर दिया था और अब इस कटौती के चलते वे गहरे तनाव और असमंजस में हैं। मुख्यमंत्री ने इसे एक “गंभीर और तात्कालिक चिंता का विषय” बताया।
स्टालिन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुए इसे सऊदी अधिकारियों के समक्ष शीघ्रता से उठाया जाए और हज कोटे की बहाली सुनिश्चित की जाए, जिससे यात्रियों और उनके परिवारों को राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जनवरी 2025 में भारत और सऊदी अरब के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत को 1,75,025 हज यात्रियों का कोटा मिला था, जिसमें 70 प्रतिशत राज्य हज समितियों और 30 प्रतिशत निजी टूर ऑपरेटरों को आवंटित किया गया था। इसमें राज्य हज समितियों को 1,22,517 सीटें और निजी ऑपरेटरों को 52,507 सीटें दी गई थीं।
हाल ही में सऊदी सरकार ने अपने हज नियमों में बदलाव करते हुए भारत के निजी ऑपरेटर कोटे में 80 प्रतिशत की कटौती कर दी, जिससे लगभग 52,000 भारतीय हज यात्रियों पर असर पड़ा है। बताया गया है कि यह कटौती सऊदी अरब की नई नीतियों और निजी टूर ऑपरेटरों द्वारा तय समयसीमा का पालन न करने की वजह से की गई है। हालांकि, भारत सरकार के अनुरोध पर सऊदी अरब ने हाल ही में हज पोर्टल को दोबारा खोला है, जिससे संयुक्त हज समूह संचालकों (CHGOs) के माध्यम से 10,000 अतिरिक्त भारतीय यात्रियों को सुविधा दी जाएगी।
सीएम स्टालिन के इस पत्र से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार हज यात्रियों की समस्याओं को लेकर गंभीर है और केंद्र सरकार से कूटनीतिक स्तर पर समाधान की अपेक्षा कर रही है।