दक्षिण–पूर्व एशिया में पिछले छह महीनों के भीतर विभिन्न देशों की संयुक्त कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों को ट्रांसनेशनल अपराधों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साइबर फ्रॉड, अवैध ऑनलाइन जुआ, मानव तस्करी, जबरन श्रम और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों में बढ़ती चीनी नेटवर्क की मौजूदगी ने क्षेत्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों में हुई इन गिरफ्तारियों ने साफ कर दिया है कि चीनी-लिंक्ड अपराध सिंडिकेट पूरे क्षेत्र में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा रहे थे।
म्यांमार ने सबसे सख्त कदम उठाते हुए अक्टूबर 2025 में 11 चीनी नागरिकों को मौत की सजा सुनाई। ये लोग म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में बने बड़े स्कैम कैंपों का संचालन कर रहे थे, जिन्हें टेक पार्क के रूप में दिखाया जाता था। जांच में सामने आया कि इन कैंपों में लोगों को धोखे से झाँसा देकर ले जाया जाता था और फिर उनसे ऑनलाइन ठगी, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलाया जाता था। अंतरराष्ट्रीय दबाव और लगातार हो रही रिपोर्टों के बाद म्यांमार ने यह कड़ा कदम उठाया।
थाईलैंड में नवंबर 2025 में बड़ा कदम उठाते हुए इंटरपोल रेड नोटिस पर फरार कैसीनो टायकून शे झीजीयांग को गिरफ्तार कर चीन को प्रत्यर्पित किया गया। वह म्यांमार और कंबोडिया में अवैध ऑनलाइन जुआ और कॉल सेंटर आधारित ठगी रैकेट चलाने का आरोपी था। उसकी गिरफ्तारी को क्षेत्र की सुरक्षा एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण सफलता माना।
सिंगापुर में सितंबर और अक्टूबर के दौरान तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। ये लोग लक्ज़री बंगले से साइबरक्राइम ऑपरेशन चला रहे थे और करीब S$11.6 मिलियन की राशि वैश्विक स्कैम नेटवर्क में भेज चुके थे। अधिकारियों का मानना है कि इस रैकेट के तार दक्षिण कोरिया सहित कई एशियाई देशों से जुड़े हुए थे।
इंडोनेशिया चीनी अपराधियों के लिए एक आम ठिकाना बनता जा रहा है। दिसंबर 2024 में यान झेनशिंग नामक चीनी नागरिक को बटाम में गिरफ्तार किया गया, जिसने ऑनलाइन जुआ नेटवर्क के जरिए US$18 मिलियन की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। मार्च 2025 में दो और चीनी नागरिक जकार्ता और बटाम में पकड़े गए, जिन पर अंतरराष्ट्रीय साइबर और वित्तीय अपराधों के आरोप थे।
वियतनाम ने भी पिछले महीनों में कई चीनी नागरिकों को देश से बाहर निकाला है, हालांकि आधिकारिक आंकड़े अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इन लोगों पर साइबर फ्रॉड और अवैध रूप से वियतनाम में प्रवेश करने के आरोप थे, और कई लोग चीन में चल रही पूछताछ से बचने के लिए यहां छिपे हुए थे।
पूरे क्षेत्र में जांच से एक पैटर्न सामने आता है—चीनी नागरिक नकली दस्तावेज, दोहरी नागरिकता और फर्जी कंपनियों के सहारे दक्षिण–पूर्व एशियाई देशों में प्रवेश करके बड़े पैमाने पर अपराध नेटवर्क खड़ा कर रहे थे। यह नेटवर्क फर्जी जॉब ऑफर, क्रिप्टो के जरिए धन शोधन, शेल कंपनियों के निर्माण और फर्जी बिजनेस लाइसेंस जैसी तकनीकों के उपयोग से संचालित हो रहा था। कई मामलों में पकड़े जाने से बचने के लिए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का भी सहारा लिया गया।
इंटरपोल और क्षेत्रीय सरकारों ने पिछले महीनों में कार्रवाई तेज कर दी है। थाईलैंड, कंबोडिया और सिंगापुर प्रत्यर्पण प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। चीन ने भी पड़ोसी देशों पर इन नेटवर्कों को खत्म करने का दबाव बढ़ा दिया है, ताकि घरेलू असंतोष और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि को संभावित नुकसान से बचाया जा सके।



