गरियाबंद पुलिस ने आम जनता की मदद के लिए एक सराहनीय पहल करते हुए साइबर सेल की सहायता से 33 गुम मोबाइल बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटाए। इन मोबाइलों की वापसी से लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। यह पहल आगे भी जारी रहेगी। यदि किसी का मोबाइल गुम हो जाता है, तो गरियाबंद साइबर सेल को सूचना देने पर मोबाइल की बरामदगी की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
इस अवसर पर, पुलिस विभाग ने अपने उत्कृष्ट और सराहनीय कार्यों के लिए पुलिसकर्मियों को “कॉप ऑफ द मंथ” का सम्मान दिया। नवंबर माह में विशेष योगदान देने वाले पुलिसकर्मियों में सहायक उप निरीक्षक संजय तिवारी और महिला आरक्षक पिंकी ध्रुव शामिल हैं, जिन्होंने पांच साल से गुम नाबालिग बालिका को कर्नाटक-आंध्र प्रदेश बॉर्डर से सुरक्षित बरामद कर उसकी मां को सौंपने में अहम भूमिका निभाई।
इसके अलावा, प्रधान आरक्षक धनुष निषाद और आरक्षक रिजवान कुरैशी ने थाना छुरा में हत्या के प्रकरण के आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। वहीं, आरक्षक तरुण यादव और आरक्षक 344 ने 33 गुम मोबाइल की बरामदगी और साइबर फ्रॉड से जुड़े अमाउंट को वापस दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इन सभी कर्मियों को उनके अद्वितीय कार्यों के लिए “कॉप ऑफ द मंथ” के रूप में सम्मानित किया गया। गरियाबंद पुलिस की यह पहल न केवल अपराध पर अंकुश लगाने में सहायक है, बल्कि जनता का पुलिस पर भरोसा भी बढ़ा रही है।