प्रसिद्ध वित्तीय सलाहकार और मंसून कंसल्टिंग के संस्थापक पीआर सुंदर पर धोखाधड़ी और अवैध निवेश सलाह का आरोप लगने के बाद निवेशकों में हड़कंप मच गया है। सुंदर, जो अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया के माध्यम से निवेशकों को स्टॉक मार्केट टिप्स देते थे, अब SEBI की कड़ी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
PR सुंदर घोटाले की प्रमुख घटनाएं:
2019-2020: पीआर सुंदर ने 2019 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया, जहां वे स्टॉक मार्केट टिप्स और ऑप्शन्स ट्रेडिंग से जुड़े सुझाव देते थे। 2020 में उन्होंने मंसून कंसल्टिंग नामक कंपनी शुरू की, जो ₹10,000 से ₹1 लाख तक की फीस लेकर पर्सनल ट्रेडिंग प्लान और निवेश सलाह देती थी।
2021: शुरुआती शिकायतें सामने आईं। निवेशकों ने आरोप लगाया कि सुंदर की सिफारिशों के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ, जबकि उन्हें कम जोखिम में अधिक लाभ का वादा किया गया था। SEBI को सुंदर और उनकी कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं, जिनमें अवैध निवेश सलाह और गुमराह करने के आरोप लगे।
2022: SEBI ने मार्च 2022 में जांच शुरू की और जून 2022 में सुंदर को निवेश सलाह देने और निवेशकों का पैसा संभालने से रोकने का आदेश जारी किया। अगस्त 2022 में SEBI ने सुंदर को अवैध रूप से वसूली गई ₹6-7 करोड़ की राशि निवेशकों को लौटाने का निर्देश दिया। साथ ही, सुंदर और उनकी कंपनी पर ₹6.07 करोड़ का जुर्माना लगाया गया।
2023: सुंदर ने SEBI के आदेश को सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में चुनौती दी, लेकिन SAT ने SEBI के आदेश को सही ठहराया। SEBI अब यह जांच कर रही है कि सुंदर ने कहीं फ्रंट-रनिंग या इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी अन्य अवैध गतिविधियों में भी संलिप्तता तो नहीं रखी थी।
निवेशकों पर प्रभाव:
सुंदर की सलाह पर अमल करने वाले कई निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, विशेषकर ऑप्शन्स ट्रेडिंग में। कई निवेशकों ने SEBI, पुलिस और उपभोक्ता अदालतों में शिकायतें दर्ज कराई हैं।
विस्तृत प्रभाव:
PR सुंदर घोटाला निवेशकों को आगाह करता है कि बिना प्रमाणित वित्तीय सलाहकारों पर विश्वास करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। SEBI ने सोशल मीडिया पर सक्रिय निवेश सलाहकारों के लिए कड़े नियमों की मांग की है।
निवेशकों के लिए सतर्कता:
यह मामला निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि किसी भी वित्तीय सलाहकार के प्रमाणपत्र और SEBI पंजीकरण की पुष्टि अवश्य करनी चाहिए। उच्च रिटर्न के झूठे दावों से बचते हुए, निवेशकों को अपने निवेश निर्णयों में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
आह्वान:
प्रभावित निवेशकों को SEBI में अपनी शिकायत दर्ज कराने या कानूनी सहायता लेने का सुझाव दिया जाता है। इस मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना पंजीकृत निवेश सलाहकारों पर आंख मूंदकर भरोसा करना भारी नुकसान का कारण बन सकता है।