राज्योत्सव के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ी और बॉलीवुड संगीत ने उत्सव को एक खास माहौल में रंग दिया। कार्यक्रम का आगाज़ गौरा-गौरी गीत से हुआ, जिसने शाम को छत्तीसगढ़ी संस्कृति के रंग में डुबो दिया। इसके बाद राउत नाचा की रोमांचक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रस्तुति ने पूरे उत्सव स्थल को जोश और उल्लास से भर दिया, वहीं फाग गीतों और मुख मुरली बजाय के प्रदर्शन ने लोकसंगीत का श्याम रंग पूरे वातावरण में बिखेर दिया।
छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार सुश्री आरु साहू और श्री राजेश अवस्थी ने ददरिया गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोकप्रिय गीत “बटकी म बासी चुटकी म नून” ने छत्तीसगढ़ी लोक धुनों की मधुरता से वातावरण को संगीतमय कर दिया।
बॉलीवुड की पार्श्व गायिका सुश्री नीति मोहन ने अपने “जय जोहार” के अभिवादन के साथ मंच पर कदम रखा और “जिया रे जिया रे” और “चली रे जुनून का लिये कतरा” जैसे गीतों की मधुर प्रस्तुति दी, जिससे उत्सव स्थल संगीतमय उल्लास में डूब गया।
राज्योत्सव के इस दूसरे दिन छत्तीसगढ़ी लोकगीतों और बॉलीवुड संगीत के इस अद्भुत मिश्रण ने राज्य स्थापना दिवस की खुशियों में चार चांद लगा दिये, जिससे उत्सव का हर कोना संगीतमय हो उठा।