कोम्पेली में एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसमें दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के प्रबंधन ने अयप्पा माला पहनकर स्कूल आए एक छात्र को कक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया। स्कूल प्रबंधन ने छात्र को कक्षा के बाहर रोकते हुए घर भेज दिया। इस घटना के कारण स्कूल परिसर में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
छात्र के पिता ने स्कूल के इस निर्णय पर नाराजगी जताते हुए प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने प्राचार्य के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि अयप्पा माला पहनने की वजह से बच्चों को स्कूल से बाहर करना अनुचित है। उनका कहना था कि यह बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और यह रवैया किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।
पिता ने इस घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा कि धार्मिक आस्था के प्रतीक माने जाने वाले माला पहनने पर बच्चों को घर भेजना कहां तक न्यायसंगत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं और समाज में गलत संदेश पहुंचा सकती हैं।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भी चर्चा और विवाद को जन्म दिया है। लोग स्कूल प्रबंधन के इस फैसले को लेकर विभाजित हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक आस्था के अधिकारों के खिलाफ मानते हैं, जबकि कुछ इसे स्कूल के नियमों और अनुशासन के पालन से जोड़कर देखते हैं।
घटना ने यह सवाल उठाया है कि शिक्षा संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों के प्रति सहिष्णुता और समानता कैसे सुनिश्चित की जाए। फिलहाल, स्कूल प्रबंधन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।