रायपुर, 26 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित ठिकानों पर आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की। यह घोटाला अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों से जुड़ा है, जिसमें क्रिकेट, पोकर, टेनिस, फुटबॉल और यहां तक कि चुनावों पर भी सट्टा लगाया जाता था।
CBI ने इस घोटाले से जुड़े करीब 60 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे, जिसमें छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली के कई स्थान शामिल हैं। इन स्थानों में राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली लोगों के ठिकाने भी शामिल हैं, जिन पर इस अवैध नेटवर्क से जुड़े होने का संदेह है।

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी चार्जशीट में भूपेश बघेल का नाम लिया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें महादेव ऐप के प्रमोटरों से ₹508 करोड़ की रिश्वत मिली थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, महादेव ऐप और इससे जुड़ी कंपनियों ने हर महीने करीब ₹450 करोड़ का काला धन अर्जित किया।
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और सोशल मीडिया पर लिखा, “अब CBI आ गई है,” यह इशारा करते हुए कि छापेमारी उनके राजनीतिक कार्यक्रमों को बाधित करने के उद्देश्य से की गई है। बघेल आज दिल्ली में एक कांग्रेस बैठक में शामिल होने वाले थे।
वहीं, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह स्वतंत्र जांच का हिस्सा है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि CBI जैसी एजेंसियां निष्पक्ष रूप से काम कर रही हैं और इन पर किसी राजनीतिक दबाव का असर नहीं होता।
महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा विवाद बना हुआ है, जहां सरकारी अधिकारियों पर इस अवैध नेटवर्क को “सुरक्षा शुल्क” देकर सुचारू रूप से चलाने में मदद करने के आरोप लगे हैं। यह मामला राज्य की प्रशासनिक जवाबदेही और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
CBI की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक अहम कदम माना जा रहा है। जांच अभी जारी है और एजेंसियां जल्द ही मामले में और खुलासे कर सकती हैं।