रायपुर। प्रदेश में धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होगी। राज्य सरकार ने खरीदी की तैयारी को लेकर सभी जिलों के कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। शासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित कलेक्टर स्वयं जिम्मेदार होंगे।
मुख्य सचिव ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि खरीदी प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और सुगमता के साथ संचालित होनी चाहिए। इसके लिए संवेदनशील खरीदी केंद्रों की विशेष निगरानी करने और व्यवस्था को पुख्ता बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
धान खरीदी की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सतत मॉनिटरिंग की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या देरी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष चौकसी रखी जाए ताकि बाहरी राज्यों से अवैध रूप से धान की आवक को रोका जा सके।
साथ ही विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTG) के किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टरों को कहा गया है कि विशेष शिविर लगाकर शत-प्रतिशत किसान पंजीयन सुनिश्चित करें, जिससे कोई भी पात्र किसान वंचित न रहे।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को लाभ दिलाने के लिए निर्धारित समय सीमा में काम पूरा करने को कहा गया है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा संभागीय आयुक्त करेंगे।
राज्य शासन ने विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों में संवेदनशीलता के साथ निगरानी रखने और किसानों की समस्याओं के समाधान पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं, ताकि खरीदी प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।