भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप में एक भी मैच हारे बिना खिताब जीतने वाली पहली टीम बनकर इतिहास रच दिया। भारत ने टूर्नामेंट में अपने सभी आठ मुकाबले जीते और एक मैच बारिश के कारण धुल गया।
भारत की आठ लगातार जीतें किसी भी टीम की पुरुषों के टी-20 वर्ल्ड कप में सबसे लंबी जीत श्रृंखला है। ऑस्ट्रेलिया ने 2022 और 2024 के संस्करणों में लगातार आठ मैच जीते थे, जबकि साउथ अफ्रीका भी शनिवार की हार से पहले आठ मैच जीत चुका था।
वर्ल्ड कप फाइनल में टॉस जीतने वाली टीमों का 8-1 का जीत-हार रिकॉर्ड है। श्रीलंका 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ टॉस जीतकर भी फाइनल हारने वाली एकमात्र टीम है। यह तीसरी बार है जब किसी टीम ने पुरुषों के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में स्कोर का बचाव करते हुए जीत हासिल की है। इससे पहले भारत ने 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ और वेस्टइंडीज ने 2012 में श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में यह कारनामा किया था।
भारत अब दो बार पुरुषों का टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली तीसरी टीम बन गया है। इससे पहले वेस्टइंडीज ने 2012 और 2016 में, जबकि इंग्लैंड ने 2010 और 2022 में यह खिताब जीता था। रोहित शर्मा अब दो टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाले नौ खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं। आठ वेस्टइंडीज खिलाड़ी दोनों खिताब जीतने वाली टीमों का हिस्सा थे।
भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 176 रन बनाए, जो पुरुषों के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में किसी भी टीम द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले 2021 में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 173 रन बनाए थे।
हेनरिक क्लासन ने भारत के खिलाफ 23 गेंदों में अर्धशतक बनाया, जो किसी भी पुरुषों के वर्ल्ड कप फाइनल में सबसे तेज है। इससे पहले 2021 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में मिशेल मार्श ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 31 गेंदों में अर्धशतक बनाया था।
साउथ अफ्रीका को आखिरी पांच ओवर में 30 रन की जरूरत थी, जो कि कुल लक्ष्य का 16.95 प्रतिशत था। पुरुषों के टी-20 इंटरनेशनल मैचों में, जहां बॉल-बाय-बॉल डेटा उपलब्ध है, यह दूसरा सबसे कम प्रतिशत है जिसे किसी टीम ने छह या अधिक विकेट हाथ में होते हुए पीछा करने में असफल किया है। 2012 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 166 रन का पीछा करते हुए न्यूज़ीलैंड को 15.06 प्रतिशत रन चाहिए थे और वे 162 रन पर सिमट गए थे।
विराट कोहली ने टी-20 इंटरनेशनल फॉर्मेट में सबसे ज्यादा 16 मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड्स जीते हैं। कोहली ने 16 में से आठ अवॉर्ड्स पुरुषों के टी-20 वर्ल्ड कप में जीते हैं। रोहित शर्मा 37 साल और 60 दिन की उम्र में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे उम्रदराज कप्तान बने। उन्होंने इमरान खान के 1992 वर्ल्ड कप के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
रोहित का टी-20 फाइनल्स में 8-0 का जीत-हार रिकॉर्ड है। एमएस धोनी ने टी-20 फाइनल्स में रोहित से ज्यादा नौ मैच जीते हैं। रोहित ने 12 में से 11 टी-20 फाइनल्स जीते हैं।
कप्तान के रूप में रोहित ने 62 टी-20 इंटरनेशनल में से 49 मैच जीते हैं, जो किसी भी पुरुष खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक है। इस प्रकार, रोहित शर्मा ने बाबर आज़म का 48 मैच जीतने का रिकॉर्ड तोड़ा।
विराट कोहली और एमएस धोनी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो सभी तीन आईसीसी व्हाइट-बॉल इवेंट्स (वनडे वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप, और चैंपियंस ट्रॉफी) के फाइनल में जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं।