दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में डीएमएफ और सीएसआर मद में 66,75,850 रुपये की वित्तीय अनियमितता के मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में पहले ही मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह चौहान और अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है। सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जिला अस्पताल दंतेवाड़ा की लिखित शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि डीएमएफ और सीएसआर फंड से अनियमित रूप से राशि का आहरण किया गया था।
गिरफ्तार आरोपियों में भारतीय स्टेट बैंक, दंतेवाड़ा के सीनियर मैनेजर निशांत ठाकुर और सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक कार्यालय की अकाउंटेंट असिस्टेंट सुतापा कुंडू शामिल हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले इस मामले में अर्पणा चौहान, सौरभ सुद और मोहम्मद तौसिफ रजा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने इस मामले की जांच को तेज कर दिया है और अन्य संभावित आरोपियों की भी तलाश जारी है।
यह मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक गौरव राय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूजा कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन के निर्देश पर जांच तेज कर दी गई। जांच में शामिल अधिकारियों में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी राहुल उयके, थाना प्रभारी धनंजय सिन्हा, उपनिरीक्षक किशोर कुमार जोशी, उपनिरीक्षक रामकुमार श्याम, सहायक उपनिरीक्षक सुनिता साहू, सहायक उपनिरीक्षक पंकज धर और अन्य थाना स्टाफ ने अहम भूमिका निभाई।
इस घोटाले में सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि यदि उनके पास इस मामले से संबंधित कोई जानकारी हो तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।