भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर देता है। यह पवित्र ग्रंथ हमारे लोकतंत्र की नींव है, और डॉ. भीमराव अंबेडकर इसके शिल्पकार थे। इसी भावना को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रायपुर के तेलीबांधा तालाब से ‘जय भीम पदयात्रा’ का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर बाबा साहब को नमन करते हुए संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और प्रिएम्बल वाल पर हस्ताक्षर कर संविधान के मूल सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
मुख्यमंत्री स्वयं इस पदयात्रा में युवाओं के साथ पैदल चले और कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर अंबेडकर चौक पहुंचकर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस आयोजन में स्कूली बच्चों, युवाओं और बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने भाग लिया। इस पदयात्रा का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग और नेहरू युवा केंद्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को भारत के संविधान, लोकतांत्रिक मूल्यों और बाबा साहब के विचारों से जोड़ना था।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा साहब ने कठिन संघर्षों के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त की और हमें ऐसा संविधान दिया जो हर वर्ग को समान अधिकार देता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बाबा साहब से जुड़े पाँच स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में विकसित करने के निर्णय की सराहना की और कहा कि इससे नई पीढ़ी को अंबेडकर जी के विचारों से प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ स्वतंत्र हुए कई देशों में लोकतंत्र फेल हो गया, लेकिन बाबा साहब की दूरदृष्टि की बदौलत भारत एक सशक्त लोकतंत्र बन सका।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भी बाबा साहब के जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि उनके बताए रास्तों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले युवाओं को भी मंच से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री खुशवंत साहेब, श्री अनुज शर्मा, श्री मोतीलाल साहू, युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्वविजय सिंह तोमर, सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।