मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत के पदभार ग्रहण समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्प की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां की कलाकृतियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हैं और सरकार हस्तशिल्पियों को उनका उचित हक दिलाने के लिए कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्पियों को औजार उपकरण योजना के अंतर्गत पाँच हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की और कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक अंचल में अद्वितीय हस्तशिल्प कार्य देखने को मिलता है। उन्होंने कोंडागांव के शिल्पग्राम, रायगढ़ के एकताल, बस्तर के काष्ठशिल्प और जशपुर के कोटामपानी जैसे क्षेत्रों की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां छिंद, कांसा, धातु और लकड़ी से बेहद सुंदर कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प का कार्य मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में होता है, इसलिए इसे बढ़ावा देकर ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने आशा जताई कि हस्तशिल्प विकास बोर्ड शिल्पकारों को प्रशिक्षण, ऋण और सब्सिडी प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने विशेष रूप से कोंडागांव की डोकरा आर्ट का उल्लेख किया, जिसकी विदेशों में भी मांग है, और कहा कि शिल्पकारों को बिचौलियों से मुक्त कर सीधे बाजार तक पहुंच दी जानी चाहिए।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के शिल्पकारों के पास कुदरती हुनर है। उन्होंने मिट्टी के खिलौनों, बेल मेटल, कसीदाकारी, गोदना और टेराकोटा जैसी कलाओं का उल्लेख किया और सुझाव दिया कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ की भागीदारी होनी चाहिए।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, श्री सुनील सोनी, श्री आशाराम नेताम, श्री गजेंद्र यादव, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री जेपी मौर्य और अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।