मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में भारत के प्रथम उद्योग मंत्री और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र निर्माण में दिए गए उनके अतुलनीय योगदान को स्मरण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे एक महान शिक्षाविद्, राष्ट्रसेवक और दूरदर्शी विचारक थे। उन्होंने जीवनभर राष्ट्र की एकता, सामाजिक समरसता और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए सतत संघर्ष किया। उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा की एक मिसाल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने भारतीय राजनीति में ऐसी विचारधारा का बीज बोया, जिसने राष्ट्रीयता और सांस्कृतिक अस्मिता को राजनीतिक विमर्श का केंद्र बना दिया। उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना के माध्यम से देश को राष्ट्रीय हित में सोचने और कार्य करने की नई दिशा दी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्रसेवा कोई अवसर नहीं, बल्कि एक तपस्या है। उन्होंने यह साबित किया कि राष्ट्र के लिए सोचने वाला एक व्यक्ति भी इतिहास की धारा बदल सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हम सबका कर्तव्य है कि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलें और एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। उनका जीवन और विचार आज भी हमारी लोकतांत्रिक चेतना को दिशा देने वाला प्रकाशस्तंभ है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से अपील की कि वे डॉ. मुखर्जी के विचारों को आत्मसात करें और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।