बेंगलुरु में आईपीएल 2025 के विजेता आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ की घटना के बाद अब मामला राजनीतिक और सामाजिक रूप से और अधिक गरमा गया है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत और 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। अब सोशल मीडिया पर विराट कोहली के खिलाफ तीव्र विरोध शुरू हो गया है, और लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर #ArrestViratKohli ट्रेंड कर रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जिस प्रकार दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन के खिलाफ एक हालिया मामले में सख्त कार्रवाई हुई थी, उसी तरह विराट कोहली को भी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए क्योंकि इस समारोह में उनकी प्रमुख भूमिका रही थी।
आरोप लगाने वालों का कहना है कि विराट कोहली की मौजूदगी और आरसीबी के भव्य जश्न ने भीड़ को बेकाबू बना दिया और प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। यह भी कहा जा रहा है कि विराट कोहली जैसे लोकप्रिय क्रिकेटर को भीड़ के संभावित खतरे का पूर्वानुमान होना चाहिए था, और उन्हें इस तरह की भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक उपस्थिति से परहेज़ करना चाहिए था जब सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे। हालांकि विराट कोहली ने इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे “घटना से बेहद आहत हैं” और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं, लेकिन यह प्रतिक्रिया जनता के गुस्से को शांत नहीं कर सकी है।
कर्नाटक सरकार की चुप्पी ने मामले को और भड़का दिया है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि सरकार विराट कोहली को बचा रही है और उसे “सेलिब्रिटी प्रोटेक्शन” दे रही है, जबकि अल्लू अर्जुन जैसे मामलों में कानून ने तेजी से कार्रवाई की थी। कई लोगों ने यह भी कहा कि चाहे वह सेलिब्रिटी हो या आम नागरिक, कानून सबके लिए समान होना चाहिए। इस भगदड़ की गंभीरता को देखते हुए विपक्षी दलों ने कर्नाटक सरकार को आड़े हाथों लिया है और एक स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार ने इस आयोजन में भारी लापरवाही बरती और सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेडियम की क्षमता मात्र 35,000 थी, जबकि 2 से 3 लाख लोगों की भीड़ वहां उमड़ पड़ी थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि न तो भीड़ के अनुमान का आकलन सही ढंग से किया गया और न ही समय रहते कोई ठोस योजना बनाई गई।
इस हादसे ने ना केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि कैसे किसी लोकप्रिय हस्ती की मौजूदगी भीड़ को नियंत्रण से बाहर कर सकती है। विराट कोहली को लेकर बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए अब सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह स्थिति को स्पष्ट करे और यह सुनिश्चित करे कि कानून सभी पर समान रूप से लागू हो। यह पूरा घटनाक्रम सिर्फ एक क्रिकेट टीम के जीतने और जश्न मनाने की बात नहीं रह गया है, बल्कि अब यह सामाजिक न्याय, कानून की निष्पक्षता और जनभावनाओं के सम्मान का प्रश्न बन गया है।