पटना में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान से मुलाकात की और औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया। राजभवन पहुंचने के दौरान उनके साथ सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान, संजय झा, धर्मेंद्र प्रधान, दिलीप जायसवाल और उपेंद्र कुशवाहा सहित एनडीए के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
राज्य में नई सरकार के शपथ ग्रहण का आयोजन गुरुवार सुबह 11:30 बजे पटना के गांधी मैदान में किया जाएगा, जहां नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। समारोह में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है। कार्यक्रम के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं और इसे बिहार के राजनीतिक इतिहास के महत्वपूर्ण क्षणों में से एक माना जा रहा है।
बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने कहा कि यह दिन न केवल भाजपा बल्कि पूरे बिहार के लिए ऐतिहासिक होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे और भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह समारोह प्रधानमंत्री के विकसित और आत्मनिर्भर बिहार के विज़न को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा और राज्य की नई राजनीतिक दिशा को मजबूत आधार देगा।
इससे पहले एनडीए के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आयोजित की गई, जहां सभी विधायकों ने एकमत होकर उनके नेतृत्व पर भरोसा जताया। जेडीयू ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि बिहार के विकास के प्रतीक नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया है और यह निर्णय राज्य की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
नई सरकार के गठन के साथ ही बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल गठन, प्रशासनिक फेरबदल और नई नीतियों को लेकर राजनीतिक हलचल और तेज़ होने की संभावना है।



