संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है, और पहले ही दिन सरकार तथा विपक्ष के बीच तेज़ राजनीतिक टकराव के संकेत दिखे। 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में लोकसभा और राज्यसभा की कुल 15 बैठकें होंगी, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण विधेयक और राष्ट्रीय मुद्दे केंद्र में रहेंगे।
सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी INDIA गठबंधन ने अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक की। विपक्ष ने स्पष्ट किया कि वह विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR), हालिया दिल्ली ब्लास्ट और नेशनल हेराल्ड मामले में दर्ज की गई नई FIR जैसे मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा। विपक्ष का आरोप है कि SIR प्रक्रिया से चुनावी पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं और सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है।
सरकार ने इस सत्र के लिए 13 से 14 बड़े विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें परमाणु ऊर्जा, बीमा, कॉरपोरेट कानून, एक्साइज और शिक्षा सुधार से जुड़े बिल शामिल हैं। इसके साथ ही वर्ष 2025–26 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगें भी सदन में रखी जाएंगी। सरकार का दावा है कि ये बदलाव आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेंगे।
सत्र से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने विपक्षी नेताओं से सहयोग की अपील की, परंतु किसी ठोस सहमति तक पहुंचना संभव नहीं हुआ। विपक्ष ने कहा कि वह सदन में “लोकतंत्र और पारदर्शिता” की रक्षा के लिए सरकार की हर कार्रवाई की जांच करेगा। वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष सुधारों को राजनीतिक रंग दे रहा है और महत्वपूर्ण बिलों को पारित कराने से रोकने की कोशिश में है।
शीतकालीन सत्र का पहला दिन ही संकेत दे गया कि अगले तीन सप्ताह तक संसद में बहस तीखी होगी और कई मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष के बीच संघर्ष गहराएगा।



