मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर में आदिवासी समाज द्वारा आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल होकर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम में उनके साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के ईष्ट देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हुए कहा कि नई उद्योग नीति में बस्तर और सरगुजा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई है, ताकि यहां के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। उन्होंने समाज की एकजुटता और परंपराओं के संरक्षण पर जोर देते हुए ठाकुर जोहारनी और नवाखाई की शुभकामनाएँ दीं।
📚 शिक्षा और युवा विकास पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर अवसर मिले, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में IIT, IIM, IIIT जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान संचालित हो रहे हैं। साथ ही प्रयास और एकलव्य आवासीय विद्यालयों के माध्यम से भी लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
🔫 माओवाद खात्मे का संकल्प
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों की लगातार सफलताओं का जिक्र करते हुए 31 मार्च 2026 तक माओवाद के पूर्ण खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पशुपालन और मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
💰 नरहरपुर के लिए बड़ी घोषणाएँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें शामिल हैं:
- 30 करोड़ रुपये की लागत से बागोड़ एनीकट निर्माण
- नरहरपुर में 132 केवी विद्युत सब स्टेशन हेतु 30 करोड़ रुपये
- मावा मोदोल लाइब्रेरी के लिए 20 लाख रुपये
- ग्राम ढोढ़रापहार में गोंडवाना सामुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये
- नरहरपुर में मोबाइल टॉवर स्थापना
- सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह निर्माण हेतु 80 लाख रुपये
- गोंडवाना समाज के 12 मुड़ा क्षेत्रों में टीन शेड निर्माण हेतु 1 करोड़ 20 लाख रुपये
- ग्राम धनेसरा के जंगोरायतार इंग्लिश मीडियम स्कूल को सहयोग
🌿 अतिथियों का संबोधन
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी समाज की विशिष्ट पहचान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपनी परंपराओं के साथ आगे बढ़ना और शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना जरूरी है।
इस अवसर पर सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री आशाराम नेताम, श्री नीलकंठ टेकाम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप समेत अनेक जनप्रतिनिधि और आदिवासी समाज के प्रमुखजन उपस्थित रहे।