नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला वकील अमिता सचदेवा द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित है, जिसमें अय्यूब पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने और भारत विरोधी भावनाएं फैलाने का आरोप लगाया गया है।
साकेत कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह ने यह आदेश देते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाने), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए कृत्य), और 505 (सार्वजनिक शरारत फैलाने वाले बयान) के तहत प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध बनते हैं।
शिकायत और कोर्ट का निर्णय
अमिता सचदेवा ने 11 नवंबर 2022 को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें राणा अय्यूब पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने, भारतीय एकता को खराब करने और भारतीय सेना समेत नागरिकों के प्रति दुश्मनी बढ़ाने का आरोप लगाया गया।
शिकायत के अनुसार, लगातार फॉलो-अप के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद सचदेवा ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत FIR दर्ज करने की याचिका दाखिल की। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए साइबर पुलिस स्टेशन, साउथ को शिकायत को FIR में बदलने और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया।
कोर्ट की टिप्पणी
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच आवश्यक है। शिकायतकर्ता के लिए साक्ष्य एकत्र करना संभव नहीं है, इसलिए राज्य मशीनरी की हस्तक्षेप जरूरी है।
यह मामला अब पुलिस जांच के अधीन है, और अदालत के आदेश के बाद कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।