पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कॉमर्स और फोरेंसिक साइंस कोर्सेज का शुभारंभ करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने हरी झंडी दिखा दी है। 27वें दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है और इसका अंतिम लक्ष्य युवाओं के सर्वांगिण विकास के साथ उनके कौशल को राष्ट्र निर्माण की मुख्य धारा के साथ जोड़ना होता है।
बृजमोहन अग्रवाल ने भाजपा सरकार प्रदेश की उच्च शिक्षा को नई पहचान दिलाने के लिए सदा ही संकल्पित रहती है, और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्वस्तर पर स्थापित करने के लिए हमें शिक्षण और शोध पर विशेष जोर देना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान के अनुसार सभी शिक्षण संस्थाएं शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए अपेक्षित अंतरराष्ट्रीय मापदंडों की प्रतिस्पर्धा में अपने आप को साबित करेंगी। हमारी सरकार का सहयोग प्रत्येक स्तर पर आपको प्राप्त होगा।
देश को विकसित राष्ट्र के रूप में परिवर्तित करने के लिए भारत सरकार ने विकसित भारत 2047 की संकल्पना की है और जिस पर केंद्र और राज्य सरकार तेजी से काम कर रही हैं। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह भी कहा कि शोध परक शिक्षा के माध्यम से हम छात्रों को एक बेहतर भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं और समाज को एक बेहतर जगह बना सकते हैं। शोध केवल डिग्री प्राप्त करने या राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और सेमिनारों में शोध पत्र पढ़ने और प्रकाशित करने के लिए नहीं होना चाहिए। शोध का उद्देश्य हमारे सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना होता है। शोध के माध्यम से हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और समाज को बेहतर बनाने के लिए नवीन विचारों और समाधानों का विकास कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और आने वाले समय में यह छत्तीसगढ़ और देश के विकास का विश्वविद्यालय बने यही कामना है। इस अवसर पर शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कॉमर्स और फोरेंसिक साइंस के कोर्स को शुरू करने की मान्यता दी। अग्रवाल ने विश्वविद्यालय को मिलने वाली अनुदान राशि को भी 45 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 54 करोड़ रुपए कर दी है।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि कुलाधिपति राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन थे। वहीं मुख्य वक्ता बीआर मणि, कुलपति एवं महानिदेशक राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली, रहे व प्रोफेसर सचिदानंद शुक्ला, कुलसचिव डॉ शैलेंद्र कुमार पटेल समेत बड़ी संख्या में शोधार्थी और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि माधव कौशिक को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। साथ ही मेधावी विद्यार्थियों को मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।