अटल नगर, 29 अप्रैल 2025 — वाणिज्य कर (पंजीयन) मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में पंजीयन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में महानिरीक्षक पंजीयन श्री पुष्पेंद्र मीणा, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, सभी जिले के जिला पंजीयक एवं उप जिला पंजीयक उपस्थित रहे। मंत्री श्री चौधरी ने पिछले एक वर्ष में विभाग द्वारा किए गए सुधारों, दस्तावेजों की स्थिति, राजस्व प्राप्ति, सतर्कता प्रकोष्ठ की गतिविधियों, न्यायालयीन प्रकरणों, मुदांक एवं आरआरसी प्रकरणों, ऑडिट रिपोर्ट्स और डाटा डिजिटलीकरण की प्रगति की जिलेवार समीक्षा की।
बैठक के दौरान मंत्री श्री ओपी चौधरी ने फील्ड स्तर पर सेवाओं के संचालन में आ रही समस्याओं को गंभीरता से सुना और तकनीकी सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकारियों से सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने निर्देश दिया कि शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा पंजीयन कार्यालयों में फ्लैक्स और बैनर लगाकर आम जनता को इन सेवाओं की जानकारी दी जाए।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में पंजीयन विभाग ने 2,979 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 18.86 प्रतिशत अधिक है। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों ने दस्तावेजों की संख्या एवं राजस्व अर्जन में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। मंत्री श्री चौधरी ने इस उपलब्धि के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कार्यों को संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ करने की प्रेरणा दी।
तकनीकी मजबूती के तहत विभाग का सेटअप पुनरीक्षित कर नए पदों का सृजन किया गया है ताकि फील्ड अमला दस्तावेजों की गहन जांच कर सके और पंजीयन की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके। मंत्री श्री चौधरी ने निर्देश दिया कि आधार आधारित प्रमाणीकरण, डिजीटल लॉकर सुविधा, फेसलेस रजिस्ट्री और ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन जैसी नवाचार सेवाओं को तेजी से लागू किया जाए, जिससे नागरिकों को घर बैठे सुरक्षित और त्वरित सेवाएं मिल सकें।
पंजीयन विभाग ने आम जनता की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने सॉफ्टवेयर में दस नई सुविधाओं को जोड़ा है। इनमें आधार आधारित प्रमाणीकरण, ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड सुविधा, भारमुक्त प्रमाण पत्र की उपलब्धता, एकीकृत कैशलेस भुगतान प्रणाली, व्हाट्सएप मैसेज सेवा, डिजी लॉकर सुविधा, ऑटो डीड जनरेशन, डिजी डॉक्यूमेंट सेवा, घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा और स्वतः नामांतरण की सुविधा शामिल हैं।
आधार आधारित प्रमाणीकरण के जरिए पक्षकारों की बायोमैट्रिक पहचान कर फर्जीवाड़ा रोकने की व्यवस्था की गई है। खसरा नंबर के आधार पर पूर्व पंजीकृत रजिस्ट्री को ऑनलाइन देखने और डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। संपत्ति पर भार या बंधक की स्थिति का प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध होगा। स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क का संयुक्त कैशलेस भुगतान किया जा सकेगा। पंजीयन से संबंधित अपडेट्स व्हाट्सएप पर भी मिल सकेंगे। डिजी लॉकर के माध्यम से रजिस्ट्री दस्तावेजों का सुरक्षित डिजिटल भंडारण और एक्सेस सुनिश्चित किया गया है। ऑटो डीड जनरेशन से दस्तावेजों का स्वतः निर्माण किया जा सकता है। गैर-पंजीकृत दस्तावेजों जैसे शपथ पत्र और अनुबंध का ऑनलाइन निर्माण संभव होगा।
घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा के अंतर्गत विलेख निर्माण, साक्षात्कार और पंजीयन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। होम विजिट के माध्यम से पंजीयन कराये जाने की सुविधा भी दी गई है और पारिवारिक दान या हक त्याग जैसे मामलों में मात्र 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, रजिस्ट्री के बाद स्वतः नामांतरण की सुविधा भी दी गई है, जिससे पक्षकारों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और समय, श्रम एवं धन की बचत होगी।
मंत्री श्री चौधरी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन सभी नवाचारों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और आम नागरिकों को इन सुविधाओं के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और सेवा गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और जनहित को ध्यान में रखते हुए समयबद्ध लक्ष्य प्राप्त करें। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए विभाग को नई तकनीकों के साथ निरंतर अपडेट करते रहना चाहिए।